Satish Shah – जब भी भारतीय कॉमेडी की बात होती है, एक नाम ज़रूर याद आता है — सतीश शाह।वो अभिनेता जिन्होंने सिर्फ़ किरदार नहीं निभाए, बल्कि हर फ्रेम में हंसी, मानवीयता और संवेदना भर दी।

पूरा नाम: सतीश रविलाल शाह
जन्म: 25 जून 1951, मुंबई, महाराष्ट्र
मृत्यु: 25 अक्टूबर 2025, मुंबई
पेशा: अभिनेता, हास्य कलाकार, टीवी कलाकार
पत्नी: मधु शाह (डिज़ाइनर)बच्चे: नहीं (निसंतान दंपति)मृत्यु का कारण: किडनी फेल्योर
जन्म और शिक्षा
सतीश रविलाल शाह का
जन्म 25 जून 1951 को मुंबई में एक गुजराती परिवार में हुआ।
बचपन से ही उनके भीतर अभिनय की लहर थी। स्कूल के नाटक हों या कॉलेज की डिबेट — सतीश हर जगह चमकते थे।
उन्होंने सेंट ज़ेवियर्स कॉलेज, मुंबई से पढ़ाई की और आगे जाकर FTII पुणे (Film and Television Institute of India) में अभिनय सीखा।यहीं से शुरू हुआ एक ऐसा सफर, जिसने भारतीय कॉमेडी की परिभाषा बदल दी।
फिल्मी सफर – हंसी की कला के महारथी
सतीश शाह ने अपने करियर की शुरुआत 1978 की फिल्म ‘Arvind Desai Ki Ajeeb Dastaan’ से की।लेकिन उन्हें पहचान मिली 1983 में आई कल्ट फिल्म ‘Jaane Bhi Do Yaaro’ से।
उनका Commissioner D’Mello वाला सीन आज भी लोगों की जुबान पर है।इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।उनकी कुछ लोकप्रिय फिल्में हैं:
Main Hoon Na – हँसमुख प्रिंसिपल ,Kal Ho Naa Ho – प्यारे दादाजीFanaa, Om Shanti Om, Hum Aapke Hain Koun , हर फिल्म में वे दर्शकों को मुस्कुराने पर मजबूर कर देते थे।
टेलीविज़न पर राज – Yeh Jo Hai Zindagi से Sarabhai तक
टीवी जगत में सतीश शाह ने जो किया, वह शायद ही किसी ने किया हो।1984 का शो ‘Yeh Jo Hai Zindagi’ भारतीय टीवी का मील का पत्थर था —जहाँ उन्होंने हर एपिसोड में नया किरदार निभाया, और हर बार दर्शकों का दिल जीत लिया।फिर आया वह किरदार जिसने उन्हें Household Name बना दिया —‘Sarabhai vs Sarabhai’ का इंद्रवदन साराभाई!उनकी बुद्धि, व्यंग्य और चुटकुले आज भी सोशल मीडिया मीम्स में ज़िंदा हैं।इंद्रवदन वह पिता था जो अपने बेटे से ज़्यादा शरारती और अपनी बहू से ज़्यादा चालाक था — पर दिल से सोने का इंसान।
प्रेम कहानी – तीन बार का प्रस्ताव, एक सच्चा साथ
सतीश शाह की पत्नी मधु शाह एक प्रसिद्ध फैशन डिज़ाइनर हैं।कहते हैं कि सतीश ने उन्हें तीन बार प्रपोज किया, तब जाकर मधु ने “हाँ” कहा।उनकी जोड़ी इंडस्ट्री की सबसे सादगीभरी और प्यारी जोड़ियों में गिनी जाती है।
वे दोनों मीडिया से हमेशा दूर रहे — कैमरे की चमक नहीं, एक-दूसरे की मुस्कान ही उनका संसार थी।उनके बच्चे नहीं थे, लेकिन उनका रिश्ता एक उदाहरण था कि सच्चा प्यार शोर नहीं करता, बस निभाया जाता है।
बीमारी और संघर्ष – जब ज़िंदगी की असली परीक्षा आई
सतीश शाह कई सालों तक किडनी की बीमारी से जूझते रहे।उनकी पत्नी मधु को Alzheimer’s था, और सतीश ने खुद किडनी ट्रांसप्लांट करवाया ताकि वे उनकी देखभाल जारी रख सकें।उनका यह कदम दिखाता है कि वे सिर्फ एक अच्छे कलाकार ही नहीं, बल्कि एक महान इंसान भी थे।25 अक्टूबर 2025 को, मुंबई में उन्होंने अंतिम सांस ली।उनकी मृत्यु का कारण किडनी फेल्योर बताया गया।पूरा फिल्म उद्योग स्तब्ध रह गया — जैसे हंसी ने अचानक मौन धारण कर लिया हो।
विरासत – हंसी जो हमेशा गूंजती रहेगी
सतीश शाह भले ही अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका काम, उनके किरदार और उनकी आवाज़ हमेशा ज़िंदा रहेंगे।उनकी कॉमेडी में “अभिनय की गहराई” थी — वे सिर्फ मज़ाक नहीं करते थे, बल्कि समाज को आईना दिखाते थे।
उनका जीवन हमें सिखाता है कि –> हँसना एक कला है, पर दूसरों को हँसाना एक वरदान है।
सतीश शाह क्यों हैं सदाबहार
सतीश शाह सिर्फ एक अभिनेता नहीं थे, वे भावनाओं के वास्तुकार थे।चाहे फिल्म हो या टीवी शो, उन्होंने हर भूमिका में इंसानियत और हास्य का संगम दिखाया।उनकी सरलता, प्रेम और कर्मनिष्ठा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है।और जब भी कोई पुराना एपिसोड या सीन देखेगा, एक हल्की मुस्कान ज़रूर आएगी —क्योंकि वो सतीश शाह हैं… जो ज़िंदा हैं हर हंसी में।